श्री गणेशाय नमः
मिथुन लग्न निर्मित राजयोग में कौन सा रत्न धारण करें कौन सा ना करें ||
सूर्य का रत्न माणिक अगर सूर्य एकादश में बैठा हो तो धारण करें अन्यथा नहीं ||
चंद्रमा का मोती ना धारण करें || मंगल का मुंगा ना धारण करें || बुध का रत्न पन्ना अगर बुध स्वग्रही उच्च मूल त्रिकोण में हो तो पन्ना जीवन पर्यंत धारण करें ||
गुरु का पुखराज ना धारण करें || शुक्र का हीरा अगर शुक्र पंचम या दशम में बैठा हो तो हीरा जीवन पर्यंत धारण करें ||
शनि का नीलम यदि शनि पंचम व नवम में बैठा हो तो नीलम धारण करें अन्यथा स़्वगृही अष्टम में हो तो नीलम ना धारण करे ||
राहु का गोमेद उच्च मूलत्रिकोण में राहु हो तो उसका रत्न दशा अंतर्दशा में धारण किया जा सकता है ||
केतु का रत्न लहसुनिया अगर केतु दशम में है तो उसका रत्न धारण किया जा सकता है अन्यथा नही ||